जीका वायरस काफी तेजी के साथ देश में दस्तक दे रहा है. राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस से 29 मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई है. राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इसे लेकर अलर्ट हो गई हैं. खुद पीएमओ ने इस वायरस के प्रसार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से रिपोर्ट भी मांगी है. आपको बता दें कि पिछले साल जनवरी और फरवरी में पहली बार इस वायरस के अहमदाबाद में होने की बात सामने आई थी, और अब तक 86 देशों में जीका वायरस होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट की मानें तो जीका वायरस एडिज मच्छर से फैलता है और यह मच्छर अधिकतर दिन के समय ही काटता है और सबसे ज्यादा बच्चों और गर्भवती महिलाओं को. आज हम आपको बताने वाले हैं जीका वायरस के बारे में कुछ अहम जानकारी.
आखिर क्या है जीका वायरस
जिका वायरस को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के प्रोफेसर डॉ रमेश मिश्रा ने बताया कि जीका वायरस एडिज इजप्टी मच्छर से फैलता है और यह अधिकतर दिन के समय ही काटता है. इसके अलावा ये मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और यलो फीवर का भी कारण बनता है. यह वायरस प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती से उसके बच्चे में भी फैलता है या फिर शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक इंसान से दूसरे स्थान में ट्रांसमिट हो जाता है. किसी संक्रमित इंसान का ब्लड ट्रांसफ्यूजन या ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन होने पर भी यह इंफेक्शन फैल जाता है. जीका वायरस में कई बार लक्षण नजर नहीं आते हैं. अगर यह बीमारी बढ़ जाए तो न्यूरोलॉजिकल और ऑर्गन फैलियर भी हो सकते हैं. वही गर्भावस्था के दौरान नवजात में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और ब्रेन डैमेज होने तक का खतरा होता है.
क्या है जीका वायरस के लक्षण
– जिका वायरस से फैलने वाले संक्रमण के बाद लक्षण तुरंत नजर नहीं आते हैं. इसमें 3 से 14 दिन का समय लगता है.
– इस वायरस के लक्षण बेहद माइल्ड दिखाई देते हैं.
– इस वायरस के होने पर हल्का बुखार, स्किन पर चकत्ते, कंजेक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिर दर्द ऐसा करीब 2 से 7 दिन तक हो सकता है.
क्या है इस वायरस का इलाज
– वहीं डब्ल्यूएचओ की मानें तो ऐसे लक्षण दिखने पर ब्लड, यूरिन या सीमेन टेस्ट से पुष्टि की जाती है.
– फिलहाल जीका वायरस के संक्रमण का कोई भी इलाज नहीं है.
– इस वायरस के इलाज के तौर पर बुखार और दर्द को कम करने वाली दवाई देने के साथ उस मरीज को लगातार पानी की भी पूर्ति की जाती है.
– इस वायरस से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को काफी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान बच्चा भी बड़ी आसानी से इस वायरस से संक्रमित हो जाता है.
सावधानी ही है इस वायरस से बचाव
– डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं और बच्चों को है.
– इस वायरस से बचाव के तौर पर हल्के रंग के कपड़े पहने और खिड़कियां और दरवाजे को जरूर बंद रखें.
– मॉस्किटो रिपेलेंट का उपयोग जरूर करें.
– बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आराम करने के दौरान मच्छरदानी का उपयोग जरूर करना चाहिए.
आपको बता दें कि इस जीका वायरस का वाहक मच्छर पानी में ही पनपता है. इसीलिए आप अपने घर के आसपास या घर में पानी को बिल्कुल भी इकट्ठा ना होने दें और ना ही आसपास गंदगी इकट्ठी होने दें.
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